ऑनलाइन शिक्षा और बिजनेस कोचिंग के क्षेत्र में हाल ही में मशहूर व्यक्तियों संदीप माहेश्वरी (Sandeep Maheshwari) और विवेक बिंद्रा(Vivek Bindra) के बीच हुए टकराव ने शिक्षा और व्यवसाय के स्तर को एक नए मोड़ पर ले जाने की संभावना जताई है।आरोप, पलटापलटी और व्यक्तिगत हमलों ने सुर्खियों को तरंगों में लपेटा है, इस विवाद में क्या है, इसे समझने के लिए आइए, इस बहस के संदर्भ में एक संक्षेपित नजर डालें।
विवाद का आरंभ:
यह सब तब हुआ जब संदीप माहेश्वरी, प्रसिद्ध मोटिवेशनल स्पीकर, एक वीडियो रिलीज किया जिसका शीर्षक था 'बिग स्कैम एक्सपोज्ड (Big Scam Exposed)' और जिसमें किसी का नाम तो उजागर नहीं किया गया, लेकिन उसमे एक योजना पर प्रकाश डाला जिसमें लोगों को ऑनलाइन कोर्स खरीदने के लिए गलत वादों के साथ प्रेरित किया गया था, जो आखिरकार उन्हें बेचने वालों में बदल दिया। नाम न लेने के बावजूद, वीडियो विवेक बिंद्रा पर संकेत कर रहा था, जो एक और प्रभावशाली मोटिवेशन स्पीकर और बिज़नेस कोच हैं।विवेक बिंद्रा का बचाव:
संदीप माहेश्वरी की वीडियो के जवाब में, विवेक बिंद्रा ने आरोपों का जवाब देने वाला एक लंबा वीडियो जारी किया। उन्होंने अपनी कंपनी की प्रमाणिकता का खंडन किया और इसे व्यापारिक कार्यवाही में पूरी पारदर्शिता बतायी। उन्होंने अपनी कंपनी की ईमानदारी की प्रतिष्ठा की रक्षा की, Ernst & Young जैसे प्रमुख महत्त्वपूर्ण जांचकर्ताओं की शामिलता का जिक्र किया।विवेक बिंद्रा बड़ा बिजनेस के विवाद की चर्चा करते समय, कुछ और बातें उजागर करते है। जैसे कि उनके द्वारा बेची जाने वाली कोर्सों का प्रमोशन MLM या मल्टीलेवल मार्केटिंग के रूप में नहीं, बल्कि "अफीलिएट मार्केटिंग" के रूप में किया गया था। उन्होंने दावा किया कि इसमें सिर्फ एक ही स्तर होता है, अर्थात् "अफीलिएट", न कि मल्टीलेवल। यहां मल्टीलेवल मार्केटिंग और अफीलिएट मार्केटिंग के बीच अंतर पर बात की गई। बिंद्रा ने अपनी टीम द्वारा गुणवत्ता नियंत्रण और नैतिक मानकों के महत्त्व को जताया।
संदीप माहेश्वरी की सीधा मुखाबरा:
इसके बाद, संदीप माहेश्वरी ने एक और वीडियो में सीधे विवेक बिंद्रा को लक्ष्य बनाया, जिसमें उन्होंने मिस-सेलिंग के आरोपों को दोहराया और इस कार्यक्रम को पिरामिड स्कीम के समान बताया। उन्होंने कहा कि जो लोग कोर्स को खरीदते है और बाद असंतोष या तसल्ली ना होने पर में वे रिफंड मांगें, तो उन्हें बताया जाता है कि वे अगर अपने पैसे वापस चाहते हैं तो चार और लोगों को लाने के बाद ही वे अपनी पूरे राशि वापस पा सकते हैं, तो यह उनके अनुसार एक धोखाधड़ी है। इसके बाद उन्होंने एक नया हैशटैग शुरू किया - #StopVivekBindraविवादों में घिरे हुए इन घटनाओं ने सोशल मीडिया पर भी बवाल मचा दिया है। लोगों के बीच इस विवाद पर अलग-अलग राय है। जहां कुछ लोग विवेक बिंद्रा जी को समर्थन दे रहे हैं, वहीं कुछ उनके खिलाफ भी बोल रहे हैं। इस प्रकार, यह विवाद उन्हें न केवल व्यवसायिक क्षति पंहुचा रहा है, बल्कि सामाजिक रूप से भी उन्हें चुनौती दे रहा है।